Makar Sankranti 15 January 2024 :- कल मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त, समय और दिन।

जनवरी के महीने में मकर संक्रांति के त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ पूरे देश में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति का त्योहार दिनों के लगातार बढ़ते जाने और सूर्य के उत्तर की ओर बढ़ने का प्रतीक है।

मकर संक्रांति के पीछे का इतिहास सफलता और समृद्धि के लिए सूर्य देव की पूजा है। इस साल मकर संक्रांति के साथ ही खरमास की भी समाप्ति हो रही है और इसी दिन से सूर्य अपने तेज के साथ चलना शुरू करेंगे।

Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024

अगर आप भी जानना चाहते हैं शुभ मुहूर्त, सही समय और सही दिन तो कृपया हमारे पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां आपको सारी जानकारी मिलेगी तो आइए जानते है मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है इसके पीछे वजह क्या है? यह कब से शुरू हुआ ? इसका शुभ मुहूर्त क्या है? इसका शुभ समय और दिनक्या है?

मकर संक्रांति क्या होता है ?

मकर का अर्थ है, ‘मकर राशि’|
संक्रांति का अर्थ, ‘संक्रमण’ यानी “प्रवेश”|
मकर संक्रान्ति का अर्थ है, ‘सूर्य का एक राशि से अगली राशि में (संक्रमण) प्रवेश करना’।

पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे। यह पर्व पिता व बेटे के मिलन से भी जुड़ा है। माना जाता है कि जब सूर्य देव पहली बार अपने पुत्र ‘ शनि देव’ से मिलने गए थे तो शनि देव ने उनका स्वागत काले तिल से किया था।

जिससे सूर्य देव अपने पुत्र से बहुत खुश हो जाते है और उन्हें आशीर्वाद देते हैं कि जब भी मैं मकर राशि में प्रवेश करूंगा और जो लोग मुझे काले तिल चढ़ाएंगे उनके जीवन में सुख – समृद्धि आएगी, उनका घर धन्य – धान्य से भर जाएगा। यही वजह है कि लोग मकर सक्रांति मनाते है।

अतः पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं लेकिन दो सक्रांतियां महत्वपूर्ण होती हैं :-

  • मकर संक्रांति – जब सूर्य मकर(15 जनवरी)में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति।
  • कर्क संक्रांति – जब सूर्य कर्क (15 जुलाई) में प्रवेश करता है तो कर्क संक्रांति।

आन्ध्र प्रदेश, तेलंगण, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, उडीसा, पंजाब और गुजरात में संक्रान्ति के दिन ही मास (वर्ष ) का आरम्भ होता है।

Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024

HIGHLIGHTS :

  • Makar Sankranti के शुभ मुहूर्त, समय और दिन 2024
  • मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ और खिचड़ी का महत्व:(Importance of Teel, Gud or khichdi in Makar Sankranti 2024)
  • मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है ?
  • 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति क्यों मानते है?
  • मकर संक्रांति की पौराणिक कथाओं : (Makar Sankranti story 2024)
    • ज्योतिषचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार
    • पौराणिक कथाओं के अनुसार
  • मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं?
    • पौराणिक कथाओं के अनुसार :
    • ज्योतिष के अनुसार :
    • वैज्ञानिक के अनुसार:
  • Happy Makar Sankranti 2024 wish
  • FAQ`s
  • Conclusion:

Makar Sankranti के शुभ मुहूर्त, समय और दिन 2024 :

  • मकर संक्रान्ति पुण्य काल – सुबह 06:41- शाम 06:22
  • मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – सुबह 06:41 – सुबह 08:38
  • मकर संक्रान्ति शुभ दिन – 15 जनवरी 2024
  • इस दिन सुबह उठ कर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • इस दिन दान-पुण्य करना बहुत अच्छा माना जाता है।

मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ और खिचड़ी का महत्व:(Importance of Teel, Gud or khichdi in Makar Sankranti 2024):

मकर संक्रांति का त्योहार जनवरी में ठंड के मौसम में आता है, और माना जाता है की इसी दिन के बाद से ठंड कम पड़ने लगती है। यही वजह है कि इस दौरान सूर्य की पूजा और खिचड़ी और तिल-गुड़ खाने की परंपरा बनाई गई ताकि बदलते मौसम का सेहत और जीवन पर नकारात्मक असर न पड़े. कहा जाता है कि इस दिन गुड़, तिल और बाजरे आदि का दान करने से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं, और सुख – समृद्धि और धन – धान्य का आशीर्वाद देते है।

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है ?

पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी यानी कल मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का संबंध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।

15 जनवरी को ही मकर संक्रांति क्यों मानते है?

इस साल मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी क्योंकि इस साल सुबह के 2:54am मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश केरेंगे। इसी दिन से खरमास समाप्त हो जायेगी। मकर संक्रांति का दिन सूर्य पूजन के लिए या दाने पुण्य के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है।

15 जनवरी की सुबह 6:47 am मिनट से शुरू होकर शाम 5:40pm मिनट तक रहेगी। सूर्यउदय का काल 15 जनवरी को पड़ रहा है। इसलिए 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाई जाएगी। आप सब सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति की पौराणिक कथाओं : (Makar Sankranti story 2024) :

ज्योतिषचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार :

ज्योतिषचार्य ने बताया कि पहली बार मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 1902 में हुई, जबकि 18वीं सदी में मकर संक्रांति 12 और 13 जनवरी को मनाई जाती थी।

साल 1964 में मकर संक्रांति पहली बार 15 जनवरी को मनाई गई थी। इसी के साथ हर दूसरे और तीसरे साल में मकर संक्रांति को 14 जनवरी को और चौथे साल 15 जनवरी को मनाई जाती है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार :

यह पर्व शनि देव और सूर्य देव से जुड़ी हुई है। सूर्य देव और पुत्र शनि देव के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। पिता और पुत्र की आपस में बनती नहीं थी। इस दौरान जब सूर्य देव पहली बार अपने बेटे शनि देव से मिलने गए थे।

उस समय शनि देव ने अपने पिता को काला तिल भेंट किया था और इस तिल से उनकी पूजा भी की थी, जिसे देख पिता सूर्य देव प्रसन्न हो गए और सूर्य देव ने अपने बेटे शनि देव को आशीर्वाद दिया कि जब वह अपने घर मकर राशि में आएंगे तो उनका घर धन से भर जाएगा।

और सूर्य देव ने कहा कि जब भी मैं मकर राशि में प्रवेश करूंगा और जो लोग मुझे काले तिल चढ़ाएंगे उनके जीवन में सुख – समृद्धि आएगी, उनका घर धन्य – धान्य से भर जाएगा। मकर शनि की राशी है यही वजह है कि लोग मकर सक्रांति मनाते है।

मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं?

पौराणिक कथाओं के अनुसार :
त्रेता युग में मकर संक्रांति के दिन भगवान राम ने अपने भाइयों और हनुमान के साथ पहली बार पतंग उड़ाई थी। तभी से मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के परंपरा शुरू हुई है। इस दिन लोग स्नान, पूजा और दान का बड़ा महत्व है।

ज्योतिष के अनुसार :
इस बार मकर संक्रांति की शुरुआत रूहानी नक्षत्र में हो रही है, यह नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है। साथ ही ब्रह्म योग और आनंदयी योग बन रहे हैं, जो फलदाई माने जाते हैं।

वैज्ञानिक के अनुसार:
वैज्ञानिक दृष्टि से इस दिन सूर्य की किरणें शरीर के लिए अमृत के समान होती है, जो विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होती है। पतंग उड़ाने की मान्यता का संबंध मकर संक्रांति से है, इसके पीछे अच्छी सेहत का राज छिपा माना जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य से प्राप्त होने वाली धूप स्वास्थ्य लाभ देता है।

सूर्य के अस्त होने के कारण किरणें शरीर के लिए औषधि का काम करती है। इसी वजह से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में रहता है।

Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

मंदिर की घंटी आरती की थाली
नदी के किनारे सूरज की लाली
जिंदगी में आए खुशियों की बहार
आपको मुबारक हो मकर संक्रांति का त्यौहार।

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

मकर संक्रांति के इस विशेष अवसर पर सूर्य देव का दिव्य आशीर्वाद आपके लिए खुशी, समृद्धि और सफलता लाए , आपको मकर संक्रांति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

कट न सके कभी कोई पतंग आपकी
टूटे ना कभी डोर विश्वास की
छू लो आप जिंदगी की सारी कामयाबी
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की।

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

दिल हम हैं और गुड़ हैं आप
मिठाई हम हैं और मिठास हैं आप
संक्रांति से हो रही साल की शुरुआत
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति 2024 का त्यौहार।

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

तिलकुट की खुशबू, दही चुरा की बाहर
मुबारक हो आपको नए साल का पहला त्यौहार
हैप्पी मकर संक्रांति 2024 ।

Happy Makar Sankranti 2024 wish:

सूर्य ने बदली अपनी राशि
गंगा स्नान कर आए सब उपवासी
जीवन में हो सिर्फ खुशियों की फुहार
आपको मुबारक हो मकर संक्रांति का त्यौहार।

मकर संक्रांति 2024 की ढेर सारी शुभकामनाएं!

FAQ’ s :

Q1. मकर संक्रांति का मतलब क्या है।
उत्तर:
मकर का अर्थ है, ‘मकर राशि’ होता है
संक्रांति का अर्थ, ‘संक्रमण’ यानी “प्रवेश” होता है
मकर संक्रान्ति का अर्थ है, ‘सूर्य का एक राशि से अगली राशि में (संक्रमण) प्रवेश करना’।

Q2. मकर संक्रांति का त्योहार 2024 में कब हैं?
उत्तर:
इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी 2024 को है।

Q3. एक साल में कितने सक्रांतियां होती हैं?
उत्तर:
एक साल में 12 सक्रांतियां होती हैं लेकिन दो सक्रांतियां महत्वपूर्ण होती हैं :-

  • मकर संक्रांति – जब सूर्य मकर(15 जनवरी)में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति।
  • कर्क संक्रांति – जब सूर्य कर्क (15 जुलाई) में प्रवेश करता है तो कर्क संक्रांति।

Q4. मकर संक्रांति के दिन लोग दही – चूड़ा और खिचड़ी क्यों कहते हैं?
उत्तर:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन दही – चूड़ा और खिचड़ी खाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दही चुरा और खिचड़ी का दान भी शुभ माना जाता है।

Q5. मकर संक्रांति के दिन किस भगवान की पूजा की जाती है?
उत्तर:
मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है भक्त इस दिन सूर्य की पूजा कर आशीर्वाद मांगते हैं कि नया साल उनके लिए सुख – समृद्धि और धन -धान्य से भरा हो।

Conclusion:

दोस्तों यह तो केवल भारत में मनाया जाने वाले मकर संक्रांति हैं दुनिया भर में पूरे वर्ष में 12 संक्रांति होती है पर मुख्य रूप से 15 जनवरी के दिन मकर संक्रांति प्रचलित है। आशा करते हैं कि आपको यह पढ़कर बहुत मजा आया होगा।

सबसे पहले आप और आपके परिवार को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। मकर संक्रांति आपके लिए खुशियों से भरा साल हो आप सब हमेशा खुश रहें और life में आगे बढ़ते रहें।

मुझे उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़कर समझ आया होगा की 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति क्यों मनाते है, अगर फिर भी कोई question है तो हमें commnet में जरूर बताएं।

आपको जानकारी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं अगर कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट करें। यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों में जरूर share करें।

धन्यवाद!

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles